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SELF-PACED

साइबर सुरक्षा साइबर साथी© के संग

यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी और डिजीटल स्पेस की जिम्मेदारी से प्रयोग करने में मदद करता है। जिससे डिजिटल प्लेटफॉर्मों और उपकरणों से होने वाले खतरों, भेद्यताओं और धमकियों के बारे में भी जानकारी मिलती है।

course details
  • Age GroupAge Group12–18 years
  • Course DurationCourse Duration60 minutes
  • Session DurationSession Duration5 minutes
  • CompletionCompletionYes
  • SessionsSessions11 Sessions
  • FrequencyFrequencySelf-Paced
  • Course Valid TillCourse Valid Till
    30 Days

साइबर सुरक्षा साइबर साथी© के संग

About The Course

    प्रतिलिप्यधिकार सूचना: यह पाठ्यक्रम एन एस नपिन्नै, वकील उच्चतम न्यायालय, और साइबर साथी© के संस्थापक द्वारा रचा गया है। इसको को प्रकाशित, प्रतिलिपित, सांझा करना या इस विषय का उपयोग इस कार्यक्रम को खत्म करने के अलावा किसी भी रूप में करना वर्जित है। इस प्रकार के काम करना अवैध है और इसके लिए इसका आपराधिक / नागरिक अभियोजन का दंड मिल सकता है। इस पाठ्यक्रम को क्लिक करने के माध्यम से आपका यह मानना है की आपने इन मामलों में अपनी मंजूरी दी है।
    ध्यान दें: यह पाठ्यक्रम 30 दिनों तक वैध है, जिसके उपरांत यह पहुँचने योग्य नहीं रहेगा। इसलिए आप से अत्यधिक सिफ़ारिश की जाती है कि इसको निर्धारित अवधि में खत्म कर लें। 
    साइबर स्वच्छता अब केवल पसंद नहीं रहा; सकुशल और सुरक्षित जीवन शैली के लिए यह एक ज़रूरत बन गया है। इस महाकाल के समय पर हमारी निजी और औद्योगिक जीवन ऑनलाइन स्पेस के इर्द-गिर्द घूमने लगी है। इसलिए डिजिटल प्लेटफॉर्मों और उपकरणों से होने वाले खतरों, कमजोरियों और धमकियों की जानकारी रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
    यह साइबर सुरक्षा साइबर साथी© के संग पाठ्यक्रम का इरादा इस अंतरिम मतलब से किया गया है कि जिससे हर विद्यार्थी को साइबर धमकियों और भेद्यताओं की बेहतर जानकारी हो।
    यह आपको कानून से मिलने वाले उपचारों और इन उपचारों को पाने की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है, जिसका इस्तेमाल आप साइबर अपराधों के शिकार होने पर कर सकते हैं। यह बढ़ते जटिल साइबर अटैकों की बराबर जानकारी रखने में भी आपकी मदद करता है।
    इस पाठ्यक्रम में आपको साइबर स्पेस में हो रहे विभिन्न धमकियों के बारे में और साइबर अपराधों का सामना कैसे किया जाए, अगर आप इसके शिकार होते हैं तो, उसके बारे में भी सीख मिलती है। आप जब कोई गलती करते हैं जिसकी वजह से आप एक अपराधी बन सकते हैं या आप से कोई अपराध हो गया हो, इस बात की पहचान भी की जा सकती है। हर पाठ की शुरुआत प्रश्नों के समूह से होती है जो वास्तविक जीवन परिस्तिथि या मामलों के रूप में है। आपको अपने आप को, उस परिस्थिति में रखकर इन प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करना है और सही जवाब तक पहुँचना है। जब तक आपको सही जवाब नहीं मिल जाता। इन प्रश्नों को आपको ईमानदारी के साथ विकल्पोंमेंसे सही विकल्प को चुनकर सही जवाब पर पहुँचना है। इस प्रकार ऑनलाइन स्पेस में से मिलने वाली वास्तविक धमकियों के बारे में जानकारी की मदद से आप ऑनलाइन सुरक्षित रह सकते हैं उनका लाभ उठा सकते हैं और न्याय माँग सकते हैं।

Who Is This Course For?

यह पाठ्यक्रम १२–१८ आयु के छात्रों के लिए है जिनको साइबर कानून, खतरों और भेद्यताओं की जानकारी प्राप्त करके अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, उनके ऑनलाइन में सुरक्षित रहने को सुनिश्चित करना है। कृपया ध्यान रखें कि इस पाठ्यक्रम की वैधता 30 दिनों की है, जिसके बाद यह पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं होगा। इसलिए आप से अत्यधिक सिफ़ारिश की जाती है कि आप इस पाठ्यक्रम को दिए गए अवधि के अंदर खत्म करें।

Course Objectives

साइबर सुरक्षा साइबर साथी© के संग का पाठ्यक्रम आपकी मदद करेगा:
  • साइबरस्पेस में विभिन्न प्रकार की धमकियों को समझने में।
  • साइबर सुरक्षा को समझने में।
  • यह समझने में कि आप की एक गलती कब आपको अपराधी या अपराध करने वाला बना सकती है।
  • कानूनन मिलने वाले उपचारों और उनकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी समझने में।

Curriculum

Instructor

श्रीमती एन एस नपीन्नै

श्रीमती एन एस नपीन्नै

उच्चतम न्यायालय की वकील, साइबर साथी© की संस्थापक।

श्रीमती एन नपीन्नै उच्चतम न्यायालय की वकील और साइबर साथी © की संस्थापक, एक वरिष्ठ एवं जानी-मानी वकील हैं जिन की विशेषता संवैधानिक, आपराधिक, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और साइबर कानून 1991 से है।

श्रीमती नपीन्नै जी, “साइबर साथी©” की संस्थापक हैं जिसका प्रारंभ इस उद्देश्य से किया गया है कि साइबर कानून, उनके खतरों और भेद्यताओं की जानकारी से नागरिकों को सशक्त बनाया जा सके। वह उच्चतम न्यायालय के सामने एमिकस क्यूरी, रही हैं , प्रज्वला वीएस यूनियन ऑफ इंडिया रही हैं, जिसमें, उन्होंने उच्चतम न्यायालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सक्षम हलों की तलाश की है जो महिलाओं और बच्चों पर हो रहे जघन्य अपराधों का समाधान जड़ से निकाल सकें।

श्रीमती नपीन्नै तमिलनाडु ई-शासन संस्था (टीएनईजीए) की सलाहकार तथा महाराष्ट्र साइबर पुलिस की सलाहकार और मध्य और पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ पैनल वकील है। वह कई गैर-लाभकारी संगठनों की सलाहकार हैं जिनमें महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाले भी शामिल हैं। वह तमिलनाडु के राज्य बच्चा नीति समिति (2015–2016) की विशेषज्ञ सदस्य रह चुकी हैं। इसमें कार्य मैं राज्य बच्चा नीति के अंदर आ रहे साइबर सुरक्षा पहलुओं को तैयार करना था।

स्टैनफोर्ड सीडीडीआरएल (यूएसए) चेवेनिंग (यूके) और आईवीएलपी (यूएसए) में छात्रा रह चुकीं, श्रीमती नपीन्नै जी को साइबर कानून में अपनी विशेषज्ञता से न्यायाधीशों को सशस्त्र बल और पुलिस तथा खुफिया एजेंसियों को राष्ट्रीय एवं राज्य न्याय तथा पुलिस अकादमियों को प्रशिक्षित करती हैं।

वह एक उर्वर लेखिका भी है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में उनके लेख प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने साइबर कानून पर एक मौलिक किताब लिखी है जिसका नाम “टेक्नोलॉजी लॉस डिकोडेड” है जिसको काफी सराहना प्राप्त हुई। श्रीमती नपीन्नै जी ने इस साइबर सुरक्षा ”साइबर साथी© के संग” की अवधारणा और लेखन किया है।